Andheri raato me roshni ka gubar laai, aai aai diwali aai

अंधेरी रातों में रोशनी का गुबार छाया है,
लौट आओ अपने घर यहाँ दीवाली का त्योहार आया है।
दीपो से भरी माला ने यहाँ अँधेरा मिटाया है,
माँ ने अपने हाथों से पंच पकवान बनाया है।
छोटू ने अपने साथ यहाँ फटाकों का थैला लाया है,
फुलजडिया जला कर उसने पूरा महोल्ला चमकाया है।
स्कूलों ने भी अब यहाँ छुट्टियों का फरमान सुनाया है,
बच्चों ने अब घर मे धूम धड़ाका मचाया है।
आओ इस त्योहार ने ख़ुशियों का भंडार लाया है,
बिछड़े हुए दोस्तो को फिर एक बार मिलवाया है।
लौट आओ "रजत" अपने घर यहाँ दीवाली का त्योहार आया है।

-thesaurus_of_thoughts

Image background taken from @yourquoteapp

Diwali par kavita
Diwali par poetry

Comments

Popular Posts